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प्रधानमंत्रीजी होश की दवा कीजिए,

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मोदीजी आप ऐसे तो न थे
संदर्भ -चार लाख करोड़ रुपये की शहरी योजनाएं
शहरी तस्वीर बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन अहम शहरी योजनाएं लांच की। इन परियोजनाओं पर”चार लाख करोड़ रुपये”खर्च किए जाएंगे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हर एक शहरी बेघर को आवास उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है। इसके लिए आने वालों सालों में शहरी गरीबों के लिए दो करोड़ आवास बनाए जाएंगे।(समाचार)
प्रधानमंत्रीजी यह आप क्या करने जा रहे है कुछ होश की दवा कीजिए, देश को दिवालिया और कंगाल करने की दिशा की और व्यर्थ मे मत धकेलिए एक सौ स्मार्ट सिटी बनाने का आपका यह निर्णय बिल्कुल गैरजरूरी और बेतुका है यह देश मे गम्भीर विभाजनकारी विभेद खड़े कर देगा अगर सौ स्मार्ट सिटी बनेगी तो शेष बचे हुए देश के चालीस हजार गांव,कस्बे और शहरो क्या होगा क्या उन्हे आप गंवार और पिछड़े हुए भारत की अलग सूची मे रखेगे जो सौ स्मार्ट सिटी के चारागाह होगे बस !क्या साठ प्रतिशत ग्राम,कस्बे, शहर आपका भारत ही नही है ? क्या ग्रामीण गरीब,गरीब नही है या ग्रामीण बेघर बेघर नही है क्या उनकी जरूरते,जरूरते नही है ?
तीन सीधे सादे प्रश्न –
1- यह आप क्यो कर रहे इसकी ऐसी क्या आवश्यकता आ खड़ी हुई है कि आप सौ शहरो को सारे वैभवशाली एश्वर्य देने के लिए खड़ेदम तत्पर हो गए हो ? क्या देश की अतिआवश्यक आवश्यकताओ की प्राथमिकताओ से आप अनभिज्ञ है.
2 – भारत मे किए जाने वाले अतिआवश्यक आवश्यकताओ,जरूरतो की लाखो प्राथमिकताओ के किसी भी क्रम मे आपके ये काम लिस्टेड़ भी नही है परन्तु आपने लाखो प्राथमिकताओ के सिरो पर पैर रखकर भारीभरकम विदेशी पूँजी निवेश (जो कल चुकाना भी है) के बल पर स्मार्टसिटी, सुपरफ़ास्ट ट्रेन,मेट्रोट्रेन, बुलट ट्रेन,ऐसे गैरजरुरी कार्यो को सबसे आगे रख दिया ? इनसे जो रोजगार खड़े होगे वे भी क्रत्रिम जरूरतो से पैदा किए गए रोजगार होगे .देश एवं आम जनता की जो बुनियादी जरूरते है जैसे पोष्टिक भोजन, कपड़ा हर बेघर को छत,बिजली पानी,सडके, सस्ती व सहज सुलभ चिकित्सा,न्याय ,शिक्षा इन पर आपका फ़ोकस क्यो नही हो रहा है या कुछ नया करने के चक्कर मे जिद पाल बैठे है या विदेश मे किसी से बातचीत मे कमिटमेन्ट तो नही कर आए है कि भारत को भी विदेश जैसा गोरा और चिकना बना दूंगा ? आधारभूत जरूरतो को छोडकर ऐसे गैर जरूरी कार्य,गैर जरूरी तरीके से करना वैसा ही होगा कि जैसे आप किसी साधारण दिखने वाले इन्सान का चमड़ा उतार कर उसपर किसी हीरो दिखने जैसा चमड़ा चढ़ाने जैसा बेतुका काम करे. जिन शहरो को स्मार्ट बनाया जाएगा वे तो वैसे भी नही रहेगे जैसे वे थे उनकी तो ऐसी तैसी फ़िर जाएगी वे रहने लायक भी नही बचेगे और आप विदेश जाकर यह कभी कह भी नही पाएगे कि साला मै तो साहब बन गया.
3 – इससे देश को क्या,कैसे लाभ होगा ?
मोदीजी शहरी तस्वीर बदलने का यह जो भूत आप पर सवार हुआ है इससे देश को क्या,कैसे लाभ होगा जरा देश को यह भी तो बताए ?आप स्मार्ट सिटी को दो कदम आगे की सुविधा देना चाहते है लेकिन जो जो ग्रामीण कस्बाई भारत है वहाँ दो हजार कदम पहले की सुविधाओ का भी अता पता नही है उसका क्या ? आपने सारे निर्णय राष्ट्र हित को ध्यान में रखकर अवश्य किए होगे परन्तु राष्ट्र हित के निर्णयो मे आपने आम आदमी का ध्यान क्यो नही रखा ? इतने कम दिन मे आपने क्या किया, इस पर कोई टिप्पणी नही कर रहा हूं ,बिल्कुल भी नही परन्तु जो किया वह कैसे किया और कैसे करने जा रहे है इसपर प्रश्न कर रहा हूं सच तो यह है कि शहरी जीवन को हतोत्साहित कर ग्रामीण जीवन को प्रोत्साहित करना चाहिए था शहर तो बिना स्मार्ट किए भी अपनी जरूरतो को पूरा कर लेते है सुविधाए सारी उन्ही पर बरसती है लेकिन ग्रामीण भारत अतिआवश्यक छोटी छोटी प्राथमिक जरूरतो को पूरा करने के लिए भी तरस रहा है वे अपनी शिकायत किससे करने जाए ? कभी कभी लगता है कि मोदीजी आप वो मोदीजी नही रहे बहुत बदल गए हो ?
आशा है आप इस पर गम्भीरतापूर्वक विचार करेगे |

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