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बिजनौर नहटौर(यूपी). 70 साल की लकवाग्रस्त बुजुर्ग सास के साथ बेरहम बहू की हैवानियत..बहू संगीता जैन ने जान से मारने की कोशिश की। पहले घूंसे बरसाए, फिर गला घोंटने की कोशिश की। इसके बाद पत्थर से सिर पर वार किए। घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में यह घटना कैद हो गई। वीडियो वायरल होने के बाद बहू को गिरफ्तार कर लिया गया।
यह इस तरह की पहली घटना नही है इस तरह की और भी घटनाये प्रकाश मे आ चुकी है और जो प्रकाश मे नही आ सकी है वह हजारो गुना अधिक होगी इस घटना से और जो भी हो शायद बहू को सजा मिले न भी मिले शायद उस सास को प्रताड़ना से मुक्ति तो मिल जाएगी परन्तु इसे सिर्फ़ एक घटना न मानकर एक सबक माना जाना चाहिए जिसपर समाज और सरकार को गहराई से विचार विमर्श करना चाहिए आपसी रिश्तो मे भी ऐसी घटनाये होती क्यो है ? खासकर सास बहू के रिश्तो मे कम अधिक हर दूसरे घर की कम अधिक मिलती जुलती यह कहानी क्यॉ है ? शायद इसलिए क्योकि हमारी प्राथमिकता मे कुछ बाते गायब ही हो गई है उनमे सबसे प्रमुख है हमारी बुनियादी शिक्षा से नैतिक शिक्षा को और मजबूती देने के स्थान पर शिक्षा से ही निकाल दिया गया है बुनियादी नैतिक शिक्षा सिर्फ़ शिक्षा की ही नही जीवन की बुनियाद होती है वह आज सिर्फ़ ए फ़ोर एप्पल तक सिमट गई है बच्चो के दिमाग का बाकि का शेष गेप टी.वी और मोबाईल भर रहे है यह बहुत गंभीर विषय है इस पर चिन्तन मनन और हर स्तर पर विमर्श होना चाहिए हमारी बुनियादी शिक्षा मे नैतिक शिक्षा को अनिवार्य रुप से शामिल किया जाना चाहिए इस नैतिक शिक्षा मे हमारे बुनियादी मूल्यो, संस्कृति से परिचय जिसमे सत्य, प्रेम, दया , अहिंसा ,सुहानुभूति, मदद करने की भावना, बुजुर्गो की इज्जत करना, अपने राष्ट्र से प्रेम करना आदि बिन्दु प्रमुख रुप से गहराई के साथ शामिल होने चाहिए मनोवैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, शिक्षाशास्त्री, मिलजुलकर इसका पेटर्न बनाकर सरकार को दे सरकार राज्यो का विषय होने के बावजूद नैतिक शिक्षा को देशभर मे अनिवार्य विषय के तौर पर, अनिवार्यतः लागू करवाने का प्रयास करे ताकि हमारे बच्चे, अच्छे, संस्कारी बन सके अच्छे नागरिक बन सके
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