Menu
blogid : 4034 postid : 1290052

जनता के मन की बात

deshjagran
deshjagran
  • 45 Posts
  • 21 Comments

जनता के मन की बात
देश या प्रदेश मैं जनता को किसी भी तरह की जानकारी की आवश्यकता हो तो उसे आरटीआई की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए सरकार द्वारा हर स्तर पर हर विभाग से संबंधित पूछताछ कार्यालय या कॉल सेंटर खोलने चाहिए जो उचित जानकारी जनता को उनके चाहने पर दे सकें अगर कोई जानकारी उन्हें नहीं है तो अपने उच्च अधिकारियों से line कनेक्ट कर उस व्यक्ति की सीधी बात करवाना चाहिए किसे क्या जानकारी क्यों चाहिए वह उसका क्या करेगा कहीं दुरुपयोग तो नहीं करेगा इन सब बातों का ना तो विचार करना चाहिए न हीं भय रखना चाहिए क्योंकि दुरुपयोग करने वाले तो कहीं से भी आवश्यक जानकारी आसानी से जुटा सकते हैं जनता देश के प्रति देश की समस्याओं के प्रति या कार्यपद्धती के प्रति या नियमों के प्रति एक जिज्ञासा भाव सहज रूप से रख सकती है या अपनी किसी समस्या के चलते वह कोई संबंधित जानकारी चाहे तो उसे उपलब्ध करवाना सरकार का कर्तव्य है इसमें किसी भी तरह का लेकिन किंतु परंतु आदि नहीं होना चाहिए इसी श्रंखला में जानकारी देने के साथ ही शिकायतों को भी इससे सीधा जोड देना चाहिए आवश्यक नहीं हो कि किसी शिकायत के लिए जनता पुलिस थाने जाए और वहां शिकायत करने के लिए प्रताड़ित हो होना यही चाहिए की जनता कोई शिकायत करती है तो उस शिकायत को संबंधित विभाग के संबंधित अधिकारी तक सीधे पहुंचाने की व्यवस्था होना चाहिए और उस शिकायत के संबंध में क्या कार्यवाही हो सकती है किस तरह से हो सकती है और कब तक हो सकती है यह सारी जानकारी शिकायत करने वाले व्यक्ति को बताई जानी चाहिए इस सारी कवायद में शासकीय टच नहीं होना चाहिए अर्थात आज तक का हमारा जो सरकारी रवैया है जिस तरह का सरकारी व्यवहार है वह बेहद रूखा रुआब वाला दबाने वाला धमकाने वाला डराने वाला रवैया रहा है आज हम यह मानते हैं की किसी भी सरकारी कर्मचारी का सीधा व्यवहार यही होता है कि किस तरह से सीधी बात को घुमा फिराकर जनता को परेशान किया जाए इस कॉल सेंटर के लिए airtel के लिए कार्य करने वाले कॉल सेंटर के व्यवहार का अनुसरण किया जा सकता है किसी भी शासकीय कर्मचारी के व्यवहार की तुलना में हजार गुना श्रेष्ठ बिना किसी सातवे वेतन आयोग के भी लानत है ऐसी व्यवस्था के लिए जहाँ कुर्सी पर बैठते ही बादशाह बन जाता है और सारी मानवीय संवेदना को घोलकर पी जाता है और भूल जाता है की वह भी इंसान है उपर जो मांग मैंने की है उसे एक भी शासकीय कर्मचारी पसंद नहीं करेगा और हजार किन्तु परन्तु लगाकर अवरोध खड़े करेगा

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh